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भारत बचाओ आंदोलन के सभी सदस्यों के लिए नियम:-

(१) किसी भी राजनीतिक दल का सदस्य या पदाधिकारी नहीं होना चाहिए।

(२)आप जहां भी हैं वहीं जन जागरण अभियान चलाएं और सभी को राजीव भाई के विचारों-कार्यों से अवगत करायें ।जन-जन को संगठन से जुड़ने के लिए प्रेरित करें।

(३) बार-बार राजीव भाई के विचारों को सुनना तथा दूसरों को भी सुनने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

(४) लंगोट के पक्के,जेब के पक्के और समय के पक्के होने चाहिए।

(५) दूरदृष्टि, कड़ी मेहनत और पक्का इरादा वाला होना।

(६) ईमानदार ,सच्चा और त्यागी हों।

(७) राष्ट्रहित सर्वोपरि हो।

(८) संगठन के प्रति सजग, निष्ठावान और समर्पित रहें।

(९) कार्य के प्रति लगन ,धैर्य और उत्साह हो।

(१०) मृदुभाषी हों,बड़ों का सम्मान करेंऔर छोटों को प्यार दें।

(११) अनुशासन प्रिय और समय देने वाला होना चाहिए।

(१२) भारतीय मान्यताओं और परंपराओं पर चलने वाला हो तथा स्वदेशी के प्रति लगन  और विदेशी के बहिष्कार का भाव रहे। इसके साथ ही उन्हें शत् -प्रतिशत रोगमुक्त बने रहना चाहिए।

(१३)अपने या किसी के नाम के आगे-पीछे जातिसूचक उपाधि का प्रयोग नहीं करना।

हर पुरुष के लिए भाई और हर महिला के लिए बहन संबोधन का प्रयोग 

(१४) जाति, धर्म, लिंग , वर्ग,वर्ण, संप्रदाय, भाषा, क्षेत्रवाद आदि से ऊपर उठकर राष्ट्रहित के लिए कार्य करना।

(१५) हस्ताक्षर हिंदी या क्षेत्रीय भाषा में करना।

(१६) सर, मैडम, हाय या हेलो कहना बंद करना।

(१७०) हमें भारत को विश्वगुरु  बनाना है। इसलिए हमारी साँस -साँस में भारत की गरिमा और राष्ट्रभक्ति का भाव होना चाहिए ‌। 

     अतः हर संबोधन की जगह” जय भारत” कहना है।

विशिष्ट सदस्य के कार्य:-

(१)कार्य को गति देने के लिए नए सदस्यों को जोड़ना और उनसे बराबर संपर्क रखना।संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बैठक बुलाना। नए सदस्यों को जिम्मेवारी देना तथा अवलोकन करते रहना।

(२ संस्था द्वारा निर्धारित नियमों का पूर्ण रूप से पालन करना‌

(३) विशिष्ट कार्य करने वालों के प्रति कभी भी वैमनस्य की भावना नहीं आने देना।

(४) कार्यकर्ता निर्माण के लिए प्रशिक्षण देना ।

(५) जैविक खेती ,गुरुकुल शिक्षा प्रणाली ,व्यवस्था परिवर्तन आदि विषयों पर कार्यकर्ताओं के बीच बराबर चर्चा करना और सेमिनार आयोजित करना।

(६) समय-समय पर कार्यकर्ताओं के बीच संगठन के उद्देश्यों पर आधारित कार्यशाला का आयोजन करना।

(७) राजीव भाई के व्याख्यान को ज्यादा से ज्यादा सुनना और दूसरों को भी सुनने के लिए प्रेरित करना।

(८) कभी भी किसी भी परिस्थिति में व्यक्तिगत  स्वार्थ सिद्धि का भाव अपने मन में नहीं आने देना।

(९)संगठन के लक्ष्य को भटकने नहीं देना तथा उसे बराबर याद करते-कराते रहना।

(१०)संस्था द्वारा निर्धारित नियमों का पूर्ण रुप से पालन करना।

साधारण सदस्यों के कार्य:-

 किसी भी संगठन के मेरुदंड उसके सदस्य ही होते हैं। अतः उन्हें अपने दायित्व को समझते हुए निंनाकिंत कार्य करने चाहिए:-

(२) जन-जन को जागृत करना।

(३) संगठन के उद्देश्यों के संदर्भ में रचनात्मक कार्य करना।

(४) अपने कार्य और व्यवहार से समाज में अनुकरणीय आदर्श प्रस्तुत करना ,ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आकर्षित हो सके और जुड़ सकें।

(५) सुख-दुख या खुशी के अवसर पर लोगों का साथ देना।

(६) अपने क्षेत्र  की समस्याओं के समाधान में सक्रिय सहयोग करना।

(७) संस्था द्वारा निर्धारित नियमों का पूर्ण रूप से पालन करना।

(८) किसी भी परिस्थिति में व्यक्तिगत स्वार्थ सिद्धि की भाव से बचना।

(९)संगठन के लक्ष्य को भटकने से रोकना तथा उसे याद करते-कराते रहना।

(१०) संस्था के उद्देश्यों के पूर्ति के लिए आपस में बैठकर चर्चा करना, ताकि लक्ष्य हासिल किया जा सके।

By admin

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