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राजीव दीक्षित के महत्वपूर्ण अभियान व रोचक तथ्य (Rajiv Dixit Important Movements & Interesting Facts in Hindi)

राजीव दीक्षित नें अपने कुछ साथियों के साथ मिल कर वर्ष 1991 में आज़ादी बचाओ आंदोलन की शुरुआत की थी।

विदेश कंपनी DuPont के विरुद्ध आंदोलन छेड़ा। और उन्हे लौटने के लिए मजबूर किया।

गैर भारतीय कंपनियों को भारत में व्यापार करने की सहूलियत देने वाले या उनके समर्थन करने वाले “डंकल प्रस्ताव” का पुरज़ोर विरोध किया। और उसी मूवमेंट के कारण वह तिहाड़ जेल भी गये।

राजीव दीक्षित ने पेप्सी और कोकाकोला जैसी दिग्गज कंपनियों से लोहा लिया और यह साबित किया की इन सभी कोल्ड ड्रिंक्स में हानिकारक तत्व होते हैं जो सेहत के लिए बे हद नुकसानदेह होते हैं।

तिहाड़ जेल में शारीरिक परीक्षण (body mark checkup) प्रणाली का भी उन्होने प्रखर विरोध किया था। उनके मुताबिक यह नियम अंग्रेजों नें भारतीय नागरिकों का अपमान करने के लिए ही बनाया था जिसे आज़ादी के बाद अब तक यथावत रखा गया है जो उनके मुताबिक खेदजनक था।

वर्ष 1997 में राजीव दीक्षित की भेंट प्रसिद्ध इतिहासकार और लेखक प्रोफेसर धर्मपाल अग्रवाल जी से हुई थी, राजीव दीक्षित को उनसे अंग्रेजों की नीतियों और साशन शैली से संलग्न कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ प्राप्त हुए थे जो भारत की गुलामी के समय से तालुक्क रखते थे। यह वो दस्तावेज़ थे जिनमें भारत को गुलाम बनाने और शोषण करने के बारे में जानकारीयां थीं। यह सारे दस्तावेज़ प्रोफ़सर धर्मपाल अग्रवाल को England की library “House of Commons“ से प्राप्त हुए थे। और उन्होने यह सब राजीव दीक्षित को दिये थे। इन पेपर्स के गहन अध्ययन से उन्हे कई सारे चौकाने वाले तथ्य मिले। उन सभी सूचनाओं के बारे में राजीव दीक्षित नें अपने व्याख्यानों में विस्तार से उल्लेख किया था।

राजीव दीक्षित के research paper अनुसार अंग्रेज़ो नें कुल 34,735 कानून बनाये वह सारे कानून देश का शोषण करने के लिए बने थे और दुख की बात है कि उनमे से ज्यादातर आज तक यथावत हैं।

वर्ष 1997 में राजीव दीक्षित योग गुरु बाबा रामदेव के संपर्क में आए थे। उस समय के आद उन्होने बाबा राम देव से मिल कर वर्ष 2009 में “भारत स्वाभिमान” संस्था की स्थापित की थी। राजीव दीक्षित इस संस्था में राष्ट्रिय सचिव पद पर रहे।

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By admin

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